मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम / mustafa jane rehmat pe lakhon salam | full lyrics - AZHARI.XYZ

मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम / mustafa jane rehmat pe lakhon salam | full lyrics

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मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम
शमए बज्मे हिदायत पे लाखों सलाम

मेहरे चर्खे नुबुव्वत पे रोशन दुरूद
गुले बागे रिसालत पे लाखों सलाम

मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम
शमए बज्मे हिदायत पे लाखों सलाम
शहर-यारे इरम ताजदारे हरम
नौ बहारे शफाअत पे लाखों सलाम

शबे असरा के दूल्हा पे दाइम दुरूद
नौशए बज़्मे जन्नत पे लाखों सलाम

अर्श की जैबो ज़ीनत पे अर्शी दुरूद
फ़र्श की तीबो नुज़्हत पे लाखों सलाम

नूरे ऐने लताफ़त पे अल्तफ़ दुरूद
ज़ैबो जैने नज़ाफ़त पे लाखों सलाम

सर्वे नाज़े क़िदम मग्ज़े राज़े हिकम
यक्का फ़ज़ीलत पे लाखों सलाम

नुक्तए सिर्रे वहूदत पे यक्ता दुरूद
मर्कज़े दौरे कसरत पे लाखों सलाम

साहिबे रजअते शम्सो शक्कुल क़मर
नाइबे दस्ते क़ुदरत पे लाखों सलाम

जिस के ज़ेरे लिवा आदमो मन सिवा
उस सज़ाए सियादत पे लाखों सलाम

अर्श ता फ़र्श है जिस के ज़ेरे नगीं
उसकी क़ाहिर रियासत पे लाखों सलाम

अस्ले हर बूदो बहबूद तुख्मे वुजूद
कासिमे कन्ज़े ने’मत पे लाखों सलाम

फत्हें बाबे नुबुव्वत पे बेहद दुरूद
ख़त्मे दौरे रिसालत पे लाखों सलाम

शर्के अन्वारे कुदरत पे नूरी दुरूद
फत्क़े अज़्हारे कुरबत पे लाखों सलाम

बे सहीमो क़सीमो अदीलो मसील
ज़ो हरे फ़र्दे इज्ज़त पे लाखों सलाम

सिर्रे ग़ैबे हिदायत पे ग़ैबी दुरूद
इत्रे जैबे निहायत पे लाखों सलाम

माहे लाहूते खल्वत पे लाखों दुरूद
शाहे नासूते ज़ल्वत पे लाखों सलाम

कन्ज़े हर बे-कसो बे नवा पर दुरूद
हिर्ज़े हर रफ्ता ताक़त पे लाखों सलाम

पर – तवे इस्मे जाते अहृद पर दुरूद
नुस्खए जामिइय्यत पे लाखों सलाम

मत्लए हर सआदत पे असअद दुरूद
मक्तए हर सियादत पे लाखों सलाम

ख़ल्क़ के दाद-रस सब के फ़रियाद-रस
कहफ़े रोज़े मुसीबत पे लाखों सलाम

मुझ से बेकस की दौलत पे लाखों दुरूद
मुझसे बेबस की कुव्वत पे लाखों सलाम

शमए बज़्मे दना-हु में गुम कुन-अना
शाहे मतने हुविय्यत पे लाखो सलाम

इन्तिहाए दुई इब्तिदाए यकी
जम्ए तफ्रीको कसरत पे लाखोंसलाम

कसरते बा’दे क़िल्लत पे अक्सर दुरूद
इज्ज़ते बा’दे ज़िल्लत पे लाखों सलाम

रब्बे आला की ने’मत पे आला दुरूद
हक़ तआला की मिन्नत पे लाखों सलाम

हम गरीबों के आका बेहद दुरूद
हम फ़क़ीरों की सरवत पे लाखों सलाम

फ़रहते जाने मोमिन पे बेहद दुरूद
गैज़े कल्बे जलालत पे लाखों सलाम

सबबे हर सबब मुन्तहाए तलब
इल्लते जुम्ला इल्लत पे लाखों सलाम

मस्दरे मज़हरिय्यत पे अज़हर दुरूद
मज़हरे मस्दरिय्यत पे लाखों सलाम

जिस के जल्वे से मुरझाई कलियां खिलें
उस गुले पाक मम्बत पे लाखों सलाम

कुद्दे बे साया के सायए मर्हमत
जिल्ले मम्दूदे राफ़्त पे लाखों सलाम

ताइ राने कुदुस जिस की हैं कुमरियां
उस सही सर्व क़ामत पे लाखों सलाम

वस्फ़ जिस का है आईनए हक़नुमा
उस खुदा साज़ तल्अत पे लाखों सलाम

जिस के. आगे सरे सरवरां खम रहें
उस सरे ताजे रिफअत पे लाखों सलाम

वोह करम की घटा गेसूए मुश्क-सा
लक्कए अब्रे रात पे लाखों सलाम

लइ-लतुल क़द्र मैं मत-लइल-फज्र हक़
मांग की इस्तिक़ामत प लाखों सलाम

लख़्त लख्ते दिले हर जिगर चाक से
शाना करने की हलत पे लाखों सलाम

दूरो नज़दीक के सुनने वाले वोह कान
काने ला’ले करामत पे लाखों सलाम

चश्मए मेहर में मौजे नूरे जलाल
उस रंगे हाशिमिय्यत पे लाखों सलाम

जिस के माथे शफाअत का सेहरा रहा
उस जबीने सआदत पे लाखों सलाम

जिन के सज्दे को मेहराबे का’बा झुकी
उन भवों की लताफ़त पे लाखों सलाम

उनकी आंखों पे वोह साया अगन मुज़ह
जुल्लए कस्रे रहमत पे लाखों सलाम

अश्क बारिये मुज़्गां पे बरसे दुरूद
सिल्के दुर्रे शफाअत पे लाखों सलाम

मानिये क़द रआ मक़सदे मां तगा
नरगिसे बागे कुदरत पे लाखों सलाम

जिस तरफ़ उठ गई दम में दम आ गया
उस निगाहे इनायत पे लाखों सलाम

नीची आंखों की शर्मो हया पर दुरूद
ऊंची बीनी की रिफअत पे लाखों सलाम

जिन के आगे चरागे क़मर झिल – मिलाए
उन इज़ारों की तुलअत पे लाखों सलाम

उनके खद की सुहूलत पे बेहद दुरूद
उन के क़द की रशाक़त पे लाखों सलाम

जिस से तारीक दिल जग मगाने लगे
उस चमक वाली रंगत पे लाखों सलाम

चांद से मुंह पे ताबां दरख्शां दुरूद
नमक आगीं सबाहत पे लाखों सलाम

ख़त की गिर्दे दहन वोह दिलआरा फबन
सब्ज़ए नहरे रहमत पे लाखों सलाम

रीशे खुश मो’तदिल मरहमे रैशे दिल
हालए माहे नुदरत पे लाखों सलाम

पतली पतली गुले कुद्स की पत्तियां
उन लबों की नज़ाकत पे लाखों सलाम

वोह दहन जिस की हर बात वहूये खुदा
चश्मए इल्मो हिक्मत पे लाखों सलाम

जिस के पानी से शादाब जानो जिनां
उस दहन की तुरावत पे लाखों सलाम

जिस से खारी कूंएं शीरए जां बने
उस जुलाले हलावत पे लाखों सलाम

वोह ज़बां जिस को सब कुन की कुन्जी कहें
उस की नाफ़िज़ हुकूमत पे लाखों सलाम

उस की प्यारी फ़साहत पे बेहद दुरूद
उस की दिलकश बलागत पे लाखों सलाम

उस की बातों की लज्ज़त पे लाखों दुरूद
उस के खुत्बे की हैबत पे लाखों सलाम

वोह दुआ जिस का जोबन बहारे क़बूल
उस नसीमे इजाबत पे लाखों सलाम

जिनके गुच्छे से लच्छे झड़े नूर के
उस सितारों की नुजहत पे लाखों सलाम

जिस की तस्कीं से रोते हुए हंस पड़ें
उस तबस्सुम की आदत पे लाखों सलाम

जिस में नहरें हैं शीरो शकर की रवां
उस गले की नज़ारत पे लाखों सलाम

दोश बर दोश है जिन से शाने शरफ़
ऐसे शानों की शौकत पे लाखों सलाम

हु-जरे अस्वदे का’बए जानो दिल
यानी मोहरे नुबुव्वत पे लाखों सलाम

रूए आईनए इल्म पुश्ते हुज़ूर
पुश्तिये कुस्रे मिल्लत पे लाखों सलाम

हाथ जिस सम्त उठ्ठा गनी कर दिया
मौजे बहरे समाहत पे लाखों सलाम

जिस को बारे दो आलम की परवा नहीं
ऐसे बाजू की कुव्वत पे लाखों सलाम

का’बए दीनो ईमां के दोनों सुतूं
साइदैनें रिसालत पे लाखों सलाम

जिस के हर खत में है मौजे नूरे करम
उस कफे बहरे हिम्मत पे लाखों सलाम

नूर के चश्मे लहराएं दरिया बहें
उंग्लियों की करामत पे लाखों सलाम

ईदे मुश्किल कुशाई के चमके हिलाल
नाखुनों की बिशारत पे लाखों सलाम

रफ्ए ज़िक्रे जलालत पे अरफ़अ दुरूद
शर्हे सद्रे सदारत पे लाखों सलाम

दिल समझ से वरा है मगर यूं कहूं
गुन्चए राजे वहदत पे लाखों सलाम

कुल जहां मिल्क और जव की रोटी गिजा
उस शिकम की क़नाअत पे लाखों सलाम

जो कि अज़्मे शफाअत पे खिंच कर बंधी
उस कमर की हिमायत पे लाखों सलाम

अम्बिया तह करें ज़ानू उन के हुज़ूर
ज़ानूओं की वजाहत पे लाखों सलाम

साक़े अस्ले क़दम शाखे नख्ले करम
शम्ए राहे इसाबत पे लाखों सलाम

खाई कुरआं ने खाके गुज़र की कसम
उस कड़े पा की हुरमत पे लाखों सलाम

जिस सुहानी घड़ी चमका त्यबा का चांद
उस दिल अफ़रोज़ साअत पे लाखों सलाम

पहले सज्दे पे रोज़े अज़ल से दुरूद
यादगारिये उम्मत पे लाखों सलाम

ज़रए शादाबो हर ज़रए पुर – शीर से
ब-रकाते रजाअत पे लाखों सलाम

भाइयों के लिये तर्क पिस्तां करें
दूध पीतों की निस्फ़त पे लाखों सलाम

मह्दे वाला की क़िस्मत पे सदहा दुरूद
बुर्जे माहे रिसालत पे लाखों सलाम

अल्लाह अल्लाह वोह बचपने की फबन !
उस खुदा भाती सूरत पे लाखों सलाम

उठते बूटों कीनश्वो नुमा पर दुरूद
खिलते गुन्चों की नकहत पे लाखों सलाम

फ़ज़्ले पैदाइशी पर हमेशा दुरूद
खेलने से कराहत पे लाखों सलाम

ए’ तिलाए जिबिल्लत पे आली दुरूद
ए’ तिदाले तृविय्यत पे लाखों सलाम

बे बनावट अदा पर हज़ारों दुरूद
बे तकल्लुफ़ मलाहत पे सलाम

भीनी भीनी महक पर महकती दुरूद
प्यारी प्यारी नफ़ासत पे लाखों सलाम

मीठी मीठी इबारत पे शीरीं दुरूद
अच्छी अच्छी इशारत पे लाखों सलाम

सीधी सीधी रविश पर करोरों दुरूद
सादी सादी तबीअत पे सलाम

रोज़े गर्मो शबे ती-रओ तार में
कोहो सहरा की खल्वत पे लाखों सलाम

जिस के घेरे में हैं अम्बियाओ मलक
उस जहांगीर बिअसत पे लाखों सलाम

अन्धे शीशे झलाझल दमकने लगे
जल्वा रेज़िये दावत पे लाखों सलाम

लुत्फ़े बेदारिये शब पे बेहद दुरूद
आलमे ख़्वाबे राहत पे लाखों सलाम

ख़न्दए सुब्हे इशरत पे नूरी दुरूद
गिर्यए अब्रे रहमत पे लाखों सलाम

नर्मिये ख़ूए लीनत पे दाइम दुरूद
गर्मिये शाने सत्वत पे लाखों सलाम

जिस के आगे खिंची गरदनें झुक गई
उस खुदादाद शौकत पे लाखों सलाम

किस को देखा येह मूसा से पूछे कोई
आंखों वालों की हिम्मत पे लाखों सलाम

गिर्दे मह दस्ते अन्जुम में रख्शां हिलाल
बद्र की दफ्ए जुल्मत पे लाखों सलाम

शोरे तक्बीर से थर-थराती ज़मीं
जुम्बिशे जैशे नुसरत पे लाखों सलाम

ना’रहाए दिलेरां से बन गूंजते बन
गुर्रिशे कोसे जुरअत पे लाखों सलाम

वोह चकाचाक खन्जर से आती सदा
मुस्तफ़ा तेरी सौलत पे लाखों सलाम

उन के आगे वोह हम्ज़ा की जां बाज़ियां
शेरे गुर्राने सत्वत पे लाखों सलाम

अल गरज़ उन के हर मू पे लाखों दुरूद
उन की हर ख़ू व ख़स्लत पे लाखों सलाम

उनके हर नामो निस्बत पे नामी दुरुद
उनके हर वक्तो हालत पे लाखों सलाम

उन के मौला की उन पर करोरों दुरूद
उन के अस्हाबो इतरत पे लाखों सलाम

पारहाए सुहुफ़ गुंचहाए कुदुस
अहले बैते नुबुव्वत पे लाखों सलाम

आबे ताहीर से जिस में पौदे जमे
उस रियाज़े नजाबत पे लाखों सलाम

ख़ूने खैरुर्रुसुल से है जिन का खमीर
उनकी बे लौस तीनत पे लाखों सलाम

उस बतूले जिगर पारए मुस्तफ़ा
हजला आराए इफ़्फ़त पे लाखों सलाम

जिस का आंचल न देखा महो मेहर ने
उस रिदाए नज़ाहत पे लाखों सलाम

सय्यदह जाहिरा तय्यबा ताहिरा
जाने अहमद की राहत पे लाखों सलाम

ह-सने मुज्तबा सय्यदुल असखिया
राकिबे दोशे इज्ज़त पे लाखों सलाम

औजे मेहरे हुदा मौजे बहरे नदा
रूह रूहे सखावत पे लाखों सलाम

शहद ख़्वारे लुआबे ज़बाने नबी
चाशनी गीरे इस्मत पे लाखों सलाम

उस शहीदे बला शाहे गुलगूं क़बा
बे-कसे दश्ते गुरबत पे लाखों सलाम

दुर्रे दुर्जे नजफ़ मेहरे बुर्जे शरफ़
रंगे रूए शहादत पे लाखों सलाम

अहले इस्लाम की मा- दराने शफ़ीक़
बानुवाने तहारत पे लाखों सलाम

जिलौ गिय्याने बैतुश्शरफ़ पर दुरूद
परवगिय्याने इफ्फत पे लाखों सलाम

सिय्यमा पहली मां कहफ़े अम्नो अमां
हक गुज़ारे रफ़ाक़त पे लाखों सलाम

अर्श से जिस पे तस्लीम नाज़िल हुई
उस सराए सलामत पे लाखों सलाम

मंज़िलुम मिन क़सब ला नसब ला सखब
ऐसे कूश्क की ज़ीनत पे लाखों सलाम

बिन्ते सिद्दीक़ आरामे जाने नबी
उस हरीमे बराअत पे लाखों सलाम

या’नी है सूरए नूर जिन की गवाह
उनकी पुरनूर सूरत पे लाखों सलाम

जिन में रूहुल कुदुस बे इजाज़त न जाएं
उन सुरादिक़ की इस्मत पे लाखों सलाम

शम्ए ताबाने काशानए इतिहाद
मुफ्तिये चार मिल्लत पे लाखों सलाम

जां निसाराने बद्रो उहुद पर दुरूद
हक गुज़ाराने बैअत पे लाखों सलाम

वोह दसों जिन को जन्नत का मुज्दा मिला
उस मुबारक जमाअत पे लाखों सलाम

ख़ास उस साबिके सैरे कुर्बे खुदा
औ-हदे कामिलिय्यत पे लाखों सलाम

सायए मुस्तफ़ा मायए इस्तफ़ा
इज्ज़ो नाज़े ख़िलाफ़त पे लाखों सलाम

यानी उस अफ़्ज़लुल ख़ल्क़ बा’दररुसूल
सानि-यस्नैने हिजरत पे लाखों सलाम

अस्दकुस्सादिक़ीं सय्यदुल मुत्तकी
चश्मो गोशे विज़ारत पे लाखों सलाम

वोह उमर जिस के आ’दा पे शैदा सकर
उस खुदा दोस्त हज़रत पे लाखों सलाम

फ़ारिके हक्को बातिल इमामुल हुदा
तैगे मस्लूले शिद्दत पे लाखों सलाम

तरजुमाने नबी हम-ज़बाने नबी
जाने शाने अदालत पे लाखों सलाम

ज़ाहिदे मस्जिदे अहमदी पर दुरूद
दौलते जैशे उसरत पे लाखों सलाम

दुर्रे मन्सूर कुरआं की सिल्के बही
जौजे दो नूर इफ़्फ़त पे लाखों सलाम

यानी उस्मान साहिब कमीसे हुदा
हुल्ला पोशे शहादत पे लाखों सलाम

मुर्तजा शेरे हक़ अश्जउल अश्जई
सकिये शीरो शरबत पे लाखों सलाम

अस्ले नस्ले सफा वज्हे वस्ले खुदा
बाबे फस्ले विलायत पे लाखोंसलाम

अव्वलीं दाफ़ेए अहले रफ़्ज़ो खुरूज
चारुमी रुक्ने मिल्लत पे लाखों सलाम

शेरे शमशीर जुन शाहे ख़ैबर शिकन
पर तवे दस्ते कुदरत पे लाखों सलाम

माहिये रफ़्ज़ो तफ़्ज़ीलो नस्बो खुरूज
हामिये दीनो सुन्नत पे लाखों सलाम

मोमिनीं पेशे फ़तहो पसे फ़तह सब
अहले खैरो अदालत पे लाखों सलाम

जिस मुसल्मां ने देखा उन्हें इक नज़र
उस नज़र की बसारत पे लाखों सलाम

जिन के दुश्मन पे लानत है अल्लाह की
उन सब अहले महब्बत पे लाखों सलाम

बाकिये साकियाने शराबे तहूर
ज़ैने अहले इबादत पे लाखों सलाम

और जितने हैं शहजादे उस शाह के
उन सब अहले मकानत पे लाखों सलाम

उन की बाला शराफ़त पे आ’ला दुरूद
उन की वाला सियादत पे लाखों सलाम

शाफ़्ई मालिक अहमद इमामे हनीफ़
चार बागे इमामत पे लाखों सलाम

कामिलाने तरीकत पे कामिल दुरूद
हामिलाने शरीअत पे लाखों सलाम

गौसे आज़म इमामुत्तुका वन्नुका
जल्वए शाने कुदरत पे लाखों सलाम

कुत्बे अब्दालो इर्शादो रुश्दुर्रशाद
मुहिय्ये दीनो मिल्लत पे लाखों सलाम

मर्दे खैले तरीक़त पे बेहद दुरूद
फ़र्दे अहले हक़ीक़त लाखों सलाम

जिस की मिम्बर हुई गरदने औलिया
उस क़दम की करामत पे लाखों सलाम

शाहे बरकातो – ब-रकाते पेशीनियां
नौ बहारे तरीकृत पे लाखों सलाम

सय्यद आले मुहम्मद इमामुर्रशीद
गुले रौज़े रियाज़त पे लाखों सलाम

हज़रते हम्जा शेरे खुदा व रसूल
ज़ीनते कादिरिय्यत पे लाखों सलाम

नामो कामो तनो जानो हालो मकाल
सब में अच्छे की सूरत पे लाखों सलाम

नूरे जां इत्र मज्मूआ आले रसूल
मेरे आकाए ने ‘मत पे लाखों सलाम

ज़ैबे सज्जादा सज्जाद नूरी निहाद
अहमदे नूर तीनत पे लाखों सलाम

बे अज़ाबो इताबो हिसाबो किताब
ता अबद अहले सुन्नत पे लाखों सलाम

तेरे इन दोस्तों के तुफैल ऐ खुदा
बन्दए नंगे ख़ल्क़त पे लाखों सलाम

मेरे उस्ताद मां बाप भाई बहन
अहले वुल्दो अशीरत पे लाखों सलाम

एक मेरा हि रहमत मैं दअवा नहीं
शाह की सारी उम्मत पे लाखों सलाम

काश महशर में जब उनकी आमद हो और
भेजें सब उन की शौकत पे लाखों सलाम

मुझ से ख़िदमत के कुदसी कहें हां रज़ा
मुस्तफ़ा जाने रहमत पे लाखों सलाम

शायर ए इस्लाम:
आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान फ़ाज़िले बरेलवी अलइहिर रहमह..

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