आका़ है हमारा मौला है हमारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा
जो सबसे अलग सबसे हसीं सबसे से है प्यारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा.
कहते हैं जिसे आमिना बी’बी का दुलारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा
सूखी हुई लकड़ी को जो तलवार बनादे
इंसान तो इंसान दरख्तों को चला दे
उंगली के इशारे से करे चांद दो टुकड़े
डूबे हुए सूरज को जो बुल वाले दोबारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा.
आका़ है हमारा मौला है हमारा
वो मालिक-ओ-मुख़्तार हैं मुख़्तार हैं मुख़्तार
ऐसे मेरे सरकार हैं सरकार हैं सरकार
खुद फाक़ा क्या उसने मगर सब को खिलाया
बेवा-ओं-यतीमों को कलेजे से लगाया
एक दूध के प्याले मैं ही सत्तर को पिलाया
करता है मदीने से जो दुनिया का नज़ारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा.
आका़ है हमारा मौला है हमारा
वो: जिसके सिहाबा भी सितारों की तरहा है
और आल-ए-नबी राज-दुलारों की तरहा है
हैं जितने मुखालिफ वो: कवारों की तरहा है
हम लौग दीवाने है लगा-एंगे यह नअरा
आका़ है हमारा मौला है हमारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा
सर काट भी डालोगे तो दीवाना कहेगा
जो कहदिया मौला ने वही होके रहेगा
महशर मै फ़क़्त उसका ही फ़रमान चलेगा
वो: जिसपे है अल्लाह ने क़ुरआन उतारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा.
आका़ है हमारा मौला है हमारा
जो फूल सा होते हुए कांटो पे चला है
इस्लाम की अज़मत के लिए दर्द सहा है
अपने ही नही गैरों को भी मुआफ़ क्या है
तौहीन कभी होगी नहीं उसकी गवारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा
मेहबूब-ए-खुदा नबीयों के सुल्तान के सदक़े
दुनिया यह बनी साहिब-ए-क़ुरआन के सदक़े
यह दिल ये जिगर सब उसी ज़ीशान के सदक़े
वो: जिनके ही टुकड़ो पे करे दुनिया गुज़ारा
आका़ है हमारा मौला है हमारा.
आका़ है हमारा मौला है हमारा
क्या मांगू भला अब मै नईम अपने खुदा से
मैं नअत-ए-नबी पड़ने लगा उसकी आता से
सब कुछ है मिला सरवर-ए-आलम की दुआ से
रोशन क्या ये जिसने मुक़द्दर का सितारा |
नअत ख्वां:
हज़रत अहमदुल फ़त्तह फैज़ाबादी
जो सबसे अलग सबसे हसीं सबसे से है प्यारा | आका़ है हमारा मौला है हमारा / jo sabse alag sabse hansi sabse hai pyaara | aaqa hain hamara maula hai hamara
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